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“दिल्ली में फंसा एनडीए का गणित, चिराग की जिद से बढ़ी बेचैनी”

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मोहम्मद आलम 

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए खेमे में सीटों के समीकरण को लेकर खींचतान तेज हो गई है। इस बार रणनीति पटना में नहीं, बल्कि दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में तय होगी। एलजेपी (रामविलास) के नेता लगातार दिल्ली में जमे हुए हैं और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के आवास पर नेताओं का जमावड़ा इस ओर इशारा कर रहा है कि अगले 24 से 48 घंटे में बड़ा धमाका हो सकता है।सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान ने 22 से 25 संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। इन सीटों पर वे हर हाल में दावा ठोक रहे हैं। दिलचस्प यह है कि इनमें से कई सीटों पर इस समय जेडीयू और बीजेपी के मौजूदा विधायक काबिज हैं। यही वजह है कि दोनों दलों के कई नेताओं और एक-दो मंत्रियों की नींद उड़ चुकी है।चिराग की साफ मांग है कि उन्हें 20 से कम सीटें हरगिज मंजूर नहीं होंगी। यदि 45 सीटें मिलना संभव नहीं है तो कम से कम 22 सीटों पर उन्हें अधिकार चाहिए, जहां उनकी टीम पहले से सक्रिय है। इसके साथ ही वह एक राज्यसभा सीट पर भी दावा ठोक रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान की नजर जिन अहम सीटों पर है, उनमें ब्रह्मपुर, सोनबरसा, रफीगंज, गोविंदगंज, महुआ, गायघाट, तरैया, महनार, अरवल, नाथनगर, जहानाबाद, ओबरा, सिमरी बख्तियारपुर, कदवा, सिंकदरा, चकाई, मटिहानी, रुपौली, कसबा, डेहरी, अतरी, साहेबपुर कमाल और अलौली जैसी सीटें शामिल हैं।चिराग की यह मांग बीजेपी और जेडीयू दोनों के लिए सिरदर्द बन गई है। क्योंकि इन सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। यही वजह है कि एनडीए के भीतर खलबली तेज हो गई है। अब सबकी निगाहें गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर टिकी हैं कि वे किस तरह चिराग की महत्वाकांक्षा को साधते हुए सहयोगियों के बीच संतुलन बना पाते हैं।

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